सुधर्मा नाम की सभा जिस कल्प (स्वर्ग) में है उस कल्प का नाम सौधर्म है और इस कल्प के सम्बन्ध से वहाँ का इन्द्र भी सौधर्म इन्द्र कहलाता है। सौधर्म इन्द्र के रहने के मन्दिर से ईशान दिशा में सुधर्मा …
कहीं-कहीं स्खलन पूर्ण कृत्ति से जो व्याख्या की जाती है, वह सौम्या वाचना है। स्कन्ध : जिन परमाणुओं ने परस्पर बन्ध कर लिया है वे स्कन्ध कहलाते हैं अथवा जिनमें स्थूल रूप से पकड़ना, रखना आदि रूप व्यापार दिखाई देता …