स्त्री व पुरुषों दोनों प्रकार के लिंगों से रहित हो, वह नपुंसक या षंड कहलाते है। जिसके उदय से नपुंसक सम्बन्धी भावों को प्राप्त होता है, वह नपुंसक वेद है। नपुंसक वेद के उदय से और निर्माण नामकर्म सहित, अंगोपांग …
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