जो शब्द रूप होता है और शब्दन शब्द है। जो अर्थ को शब्द अर्थात् कहता है, जिसके द्वारा अर्थ कहा जाता है या शपन मात्र है वह शब्द है। जिस समय प्रधान रूप से द्रव्य विवक्षित होता है। उस समय …
श्रुतज्ञान शब्द लिंगज और अर्थलिंगज के भेद से दो प्रकार का है। उसमें भी जो शब्दलिंगज श्रुतज्ञान है वह लौकिक और लाकोत्तर के भेद से दो प्रकार का है। सामान्य पुरुष के मुख से निकले हुए वचन समुदाय से जो …
पुनरुक्त दो प्रकार का है— शब्द पुनरुक्त तथा अर्थ पुनरुक्त। उनमें से अनुवाद करने के अतिरिक्त जो शब्द का पुनः कथन होता है, उसे शब्द पुनरुक्त कहते हैं ।
पाक्षिक दोषों की आलोचना, चातुर्मासिक दोषों की आलोचना, वार्षिक दोषों की आलोचना, सब यति समुदाय मिलकर जब करते हैं, तब अपने दोष स्वेच्छा से कहना यह बहुजन नाम का दोष है। यदि अस्पष्ट रीति से गुरु को सुनाता हुआ अपने …