आत्मा में जो कामसेवन या मैथुन रूप चित्त विक्षेप उत्पन्न होता है उसे वेद कहते है । वेद तीन प्रकार के है स्त्री वेद पुरुष वेद और नपुंसक वेद । ये तीनों ही वेद द्रव्य और भाव की अपेक्षा दो …
सम्यक मोहनीय प्रकृति के उदय से पदार्थों का जो चल मल और अगाढ़ रूप श्रद्धान होता है, उसे वेदक सम्यग्दर्शन कहते है। जिसकी सम्यक्त्व संज्ञा है। चार अनंतानुबंधी कषाय, मिथ्यात्व और सम्यक मिथ्यात्व इन छः प्रकृतियों के उदयावलि क्षय और …