साध्य के अविनाभावी साधन के कहने को हेतु कहते हैं अथवा जो साध्य के होने पर ही होता है साध्य के बिना नहीं होता तथा जिसका निश्चय हो चुका है वह हेतु कहलाता है। हेतु दो प्रकार का है अन्वय …
सम्यक मोहनीय प्रकृति के उदय से पदार्थों का जो चल मल और अगाढ़ रूप श्रद्धान होता है, उसे वेदक सम्यग्दर्शन कहते है। जिसकी सम्यक्त्व संज्ञा है। चार अनंतानुबंधी कषाय, मिथ्यात्व और सम्यक मिथ्यात्व इन छः प्रकृतियों के उदयावलि क्षय और …