साधु के ठहरने का स्थान वसतिका कहलाता है । वह मनुष्यों, तिर्यंचों व शीत-उष्णादि की बाधाओं से रहित होना चाहिए । ध्यानाध्ययन की सिद्धि के अर्थ एकांत गुफा व शून्य स्थान ही उसके लिए अधिक उपयुक्त हैं । वसतिका का …
वसतिका का तृण कोई पशु खाता हो तो उसका निवारण करना । वसतिका भंग होती है तो उसका निवारण करना । बहुत से व्यक्ति मेरी वसतिका में नहीं ठहर सकते, ऐसा कहना बहुत मुनि प्रवेश करने लगें तो उनपर क्रुद्ध …