सम्यक्त्व पंडित, ज्ञानपंडित, चारित्रपंडित, ऐसे लोग इस मरण से मरते हैं। अन्य के सिवाय अन्य भी इस मरण से मरते हैं। आर्त रौद्र भावोंयुक्त मरना वशार्त मरण है। यह चार प्रकार का है – इन्द्रिय -वशार्त, वेदना – वशार्त, कषाय …
जिस ऋद्धि के प्रभाव सेसाधु जीवसमूह को वश में करके उनका मनचाहा आकार आदि बनाने में सक्षम होते हैं वह वह वशित्व – ऋद्धि कहलाती है।