1. सम्बन्ध का नाम योग है। 2. मन, वचन व काय के निमित्त से होने वाले आत्म प्रदेशों के हलन – चलन को योग कहते हैं अथवा आत्म प्रदेशों के संकोच और विस्तार रूप होने को योग कहते हैं । …
अंतिम अवस्था प्राप्त हो जाने पर साक्षात् समाधि या संलेखना को धारण करना इष्ट है।