पाँच उदम्बर फल और उसी के अन्तर्गत खून्सी और साँप की छतरी आदि त्याज्य हैं । त्यागी व्रती जिन फलों का नाम मालूम नहीं है, ऐसे सम्पूर्ण अजान फलों को नहीं खावें । बिदारा हुआ फल, मूल, पत्र, अंकुर और …
जिस ऋद्धि के धारक मुनि वन फलों में फूलों में और पत्तों में रहने वाले जीवों की विराधना न करके उनके ऊपर से जाते हैं, वह फल चारण, पुष्प चारण तथा पत्र चारण नामक ऋद्धि है ।