फलचारणऋद्धि Posted by kundkund Date July 23, 2026 Comments 0 commentजिस ऋद्धि के धारक मुनि वन फलों में फूलों में और पत्तों में रहने वाले जीवों की विराधना न करके उनके ऊपर से जाते हैं, वह फल चारण, पुष्प चारण तथा पत्र चारण नामक ऋद्धि है ।Share:ABOUT INSTRUCTOR kundkund Previous post ज्ञानावर्ण July 23, 2026You may also like ज़िनागम का सार भाग 1 30 November, 2024 antarang tap 19 April, 2024antarang tap अंतरंग तप 5 September, 2023