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23 July

पर्यंकासन 

  • Posted by kundkund
  • Comments 0 comment

दोनों जंघाओं को आपस में मिलाकर ऊपर नीचे रखने से पर्यंकासन कहते हैं ।

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23 July

पर्यनुयोज्योपेक्षण निग्रह स्थान 

  • Posted by kundkund
  • Comments 0 comment

निग्रह स्थान में प्राप्त हुए का निग्रह न करना पर्यनुयोज्योपेक्षण नामक निग्रह स्थान कहलाता है।

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23 July

पर्यवसन्न 

  • Posted by kundkund
  • Comments 0 comment

निश्चय ।

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23 July

पर्याप्त नामकर्म 

  • Posted by kundkund
  • Comments 0 comment

जिस कर्म के उदय से जीवों के आहार, शरीर, इन्द्रिय आदि पर्याप्तियों की पूर्णता होती है, उसे पर्याप्त नामकर्म कहते हैं ।

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23 July

पर्याप्तक

  • Posted by kundkund
  • Comments 0 comment

जिस प्रकार गृह वस्त्रादि अचेतन पदार्थ पूर्ण और अपूर्ण दोनों प्रकार के होते हैं उसी प्रकार जीव भी पूर्ण व अपूर्ण दोनों प्रकार के होते हैं । जो जीव पर्याप्त नामकर्म के उदय से अपने योग्य पर्याप्तियाँ पूर्ण कर लेते …

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