परम का अर्थ ज्येष्ठ है (पर) अर्थात् अन्य जो भव्यप्राणी है ‘मा’ अर्थात् उनका उपकार करने वाली लक्ष्मी रूप समवसरण विभूति यह जिनके पायी जाए ऐसे अर्हन्त परम है अथवा परम का अर्थ है भावकर्म द्रव्यकर्म और नोकर्म से रहित …
निर्विकल्प समाधि का अपरनाम। परमर्षि : विश्वदृष्टा अर्हन्त भगवान परमर्षि कहलाते हैं।
परम-अध्यात्म-तरंगिणी – अमृतचंद्राचार्य nikkyjain@gmail.com Date : 17-Nov-2022 Index गाथा / सूत्र विषय शुद्धं सच्चिद्रूपं भव्यांबुजचंद्रममृतमकलकं । ज्ञानाभूषं वंदे सर्वविभावस्वभावसंमुक्तं ॥1॥ सुधाचंद्रमुनेर्वाक्यपद्यान्युद्धृत्य रम्याणि । विवृणोमि भक्तितोऽहं चिद्रूपे रक्तचित्तश्च ॥2॥ ✍️अन्वयार्थ : अथ श्रीमदमृतचंद्रसूरिः श्रीकुंदकुंदाचार्याेक्तसमयसारप्राभृत-व्याख्यानं कुर्वाणः संस्तंदतरे चित्स्वरूपप्रकाशकानि-चिन्नाटकरंगावनि-वितीर्णानि पद्यानि परमाध्यात्मतरंगिण्यपरनामधेयानि रचयन् प्रथमतः …