बड़ के पेड़ को न्यग्रोध कहते हैं। जिस कर्म के उदय से जीव का शरीर बड़ के पेड़ के समान नाभि के ऊपर मोटा और नीचे पतला होता है उसे न्यग्रोधपरिमंडल संस्थान कहते हैं ।
श्री अकलंक भट्ट (ई.940-980) द्वारा संस्कृत गद्य में रचा गया एक न्याय विषयक ग्रंथ। पूर्व पृष्ठ अगला पृष्ठ
आ.धर्मभूषण (ई.1390) द्वारा संस्कृत भाषा में रचित तीन परिच्छेद प्रमाण न्याय विषयक ग्रंथ। समय–ई.1390-1418। (ती./3/357)। पूर्व पृष्ठ अगला पृष्ठ