समाधिमरण के समयचोटी धारण करने से जिसके मस्तक का चिन्ह प्रकट हो रहा है, यज्ञोपवीत धारण करने से जिसका उरोलिंग ( वक्षस्थल चिन्ह) प्रकट हो रहा है, सफेद या लाल रंग के वस्त्र के टुकड़े की लंगोटी धारण करने से …
जो श्रद्धापूर्वक व्रत, सामायिक आदि ग्यारह प्रतिमाओं में से एक – दो या सभी प्रतिमाएँ ग्रहण करता है, वह नैष्ठिक – श्रावक कहलाता है।