नैष्ठिक ब्रह्मचारी
समाधिमरण के समयचोटी धारण करने से जिसके मस्तक का चिन्ह प्रकट हो रहा है, यज्ञोपवीत धारण करने से जिसका उरोलिंग ( वक्षस्थल चिन्ह) प्रकट हो रहा है, सफेद या लाल रंग के वस्त्र के टुकड़े की लंगोटी धारण करने से जिसकी कमर का चिन्ह प्रकट हो रहा है, जो सदा भिक्षा वृत्ति से निर्वाह करता है, जो स्नातक, व्रती, सदा जिन पूजा आदि में तत्पर रहते हैं, उन्हें नैष्ठिक ब्रह्मचारी कहते हैं।