ग्रन्थ के प्रारंभ में ग्रंथकार के द्वारा जो स्तुतिपरक श्लोक आदि के रूप में भगवान को नमस्कार किया जाता है वह निबद्ध-मंगल कहलाता है।
ग्रन्थ के प्रारंभ में ग्रंथकार के द्वारा जो स्तुतिपरक श्लोक आदि के रूप में भगवान को नमस्कार किया जाता है वह निबद्ध-मंगल कहलाता है।
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