मध्यलोक में स्थित एक द्वीप, धातकी खण्ड के भीतर उत्तर कुरू और देव कुरू क्षेत्रों में धातकी वृक्ष स्थित है। इसी कारण इस द्वीप का धातकी खण्ड यह सार्थक नाम है। लवणोदय को वेष्टित करके चार लाख योजन विस्तृत ये …
जो बालक का पालन-पोषण करे वह धाय कहलाती है। यदि साधु धाय संबंधी कार्यों का उपदेश देकर आहार प्राप्त करता है तो यह धात्री – दोष है।