यह मध्यलोक का प्रथम द्वीप है इनके उत्तरकुरू नामक स्थान में शाश्वत पृथिवीमयी अकृत्रिम और परिवार वृक्षों से युक्त जम्बू वृक्ष होने के कारण से इसे जम्बूद्वीप कहते हैं। इसका विष्कम्भ एक लाख योजन है इसके मध्य में सुमेरू पर्वत …
जम्बूद्वीप में मनुष्य, तिर्यंच आदि का तथा पर्वत, नदी, वेदिका, अकृत्रिम चैत्यालय आदि का वर्णन जिसमें किया गया हो उसे जम्बूद्वीप-प्रज्ञप्ति कहते हैं ।
जम्बूद्वीप के उत्तर कुरु में स्थित एक अनादि- निधन वृक्ष और उसका परिवार। जम्बू वृक्ष का सामान्य स्थल पाँच सौ योजन विस्तार युक्त है। मध्य में आठ योजन, किनारों पर दो कोश मोटा है। यह स्थल चारों ओर से स्वर्णमयी …