जो एक द्रव्य को दूसरे द्रव्य से प्रथक् करता है उसे गुण कहते हैं। गुण सदा द्रव्य के आश्रित रहते हैं अर्थात् द्रव्य की प्रत्येक अवस्था में उसके साथ रहते हैं। प्रत्येक द्रव्य में अनेक गुण होते हैं। कुछ साधारण …
द्रव्यों के अगुरु-लघु गुण के अविभाग प्रतिच्छेदों की समय-समय उत्पन्न होने वालीं पर्यायें हैं। वह द्रव्यों की स्वभाव गुण पर्याय कही गईं हैं। ऐसा तुम जानो। द्रव्य या भावकर्म से रहित शुद्धज्ञान, दर्शन, सुख व वीर्य जीव द्रव्य की स्वभाव …
जहाँ पर प्रतिसमय असंख्यात गुणश्रेणी क्रम से परमाणु प्रदेश अन्य प्रकृति रूप परिणमन करें उसे गुण संक्रमण कहते हैं। जिन प्रकृतियों का बन्ध हो रहा हो उनका गुण संक्रमण नहीं हो सकता अबन्ध रूप प्रकृतियों का होता है स्वजाति में …