साधुजनों पर अत्याचार करने वाले धर्मद्रोही राजा को कल्की कहते हैं। अवसर्पिणी के पंचमकाल में प्रत्येक एक हजार वर्ष के बाद एक- एक कल्की का जन्म होता है तथा प्रत्येक पाँच सौ वर्ष के बाद एक-एक उपकल्की जन्म लेता है। …
जैनागम में कल्की राजा नाम के राजा का उल्लेख जैनयतियों पर अत्याचार करने के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इसके व इसके पिता के विभिन्न नाम आगम में उपलब्ध होते हैं और इसी प्रकार इनके समय का भी। फिर भी वह-लगभग …
जिनमें इन्द्र आदि इस प्रकार के भेदों की कल्पना की जाती हैं वे कल्प कहलाते हैं। इस प्रकार इन्द्रादि की कल्पना ही कल्प संज्ञा का कारण है। यद्यपि इन्द्रादि की कल्पना भवनवासियों में भी सम्भव है फिर भी रूढ़ि से …