यह पंच परमेष्ठी वाचक मंत्र है । अर्हन्त का अ, सिद्ध अर्थात् अशरीरि का अ, आचार्य का आ उपाध्याय का उ, और मुनि का म् । इस तरह पंच परमेष्ठी के प्रथम अक्षरों से मिलकर ‘ओम्’’ बना है ।
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