साधु की आहार-चर्या में संभावित छयालीस दोषों में से सोलह दोष उद्गम के हैंऔद्देशिक, अध्यधि, पूति, मिश्र, स्थापित, बलि, प्रावर्तित, प्राविष्करण, क्रीत, प्रामृश्य, परिवर्तक, अभिघट, अच्छिन्न, मालारोहण, अच्छेद्य, अनिसृष्ट।
दाता और पात्र की अपेक्षा उद्दिष्ट आहार दो प्रकार का है। दाता यदि अधःकर्म संबंधी सोलह उद्गम दोषों से युक्त आहार साधु को देता है तो यह दाता संबंधी उद्दिष्ट आहार है । यदि पात्र अर्थात् साधु अपने लिए स्वयं …
दसवीं अनुमति त्याग प्रतिमा के उपरान्त गृहत्याग करके जीवन पर्यन्त उद्दिष्ट आहार का त्याग कर देना और सदाचारी श्रावक के द्वारा दिया गया प्रासुक आहार दिन में एक बार ग्रहण करने की प्रतिज्ञा लेना, यह श्रावक की ग्यारहवीं उद्दिष्ट आहार- …