उद्दिष्ट आहार
दाता और पात्र की अपेक्षा उद्दिष्ट आहार दो प्रकार का है। दाता यदि अधःकर्म संबंधी सोलह उद्गम दोषों से युक्त आहार साधु को देता है तो यह दाता संबंधी उद्दिष्ट आहार है । यदि पात्र अर्थात् साधु अपने लिए स्वयं आहार बनाए, बनवाए या आहार के उत्पादन संबंधी किसी प्रकार का विकल्प करे तो यह पात्र संबंधी उद्दिष्ट आहार कहलाता है। ऐसा आहार साधु के योग्य नहीं है।