तीर्थंकर महावीर के प्रथम गणधर। ये ब्राह्मणों के गौतम गोत्र में उत्पन्न हुए। ये वेद-वेदांग के ज्ञाता थे। इन्द्र अवधिज्ञान से यह जानकर कि इन्द्रभूति गौतम के आने पर ही भगवान महावीर की दिव्यध्वनि प्रारंभ हो सकती है इन्हें किसी …
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