गंगा–सिंधु नदी और विजयार्द्ध पर्वत से विभाजित होने के कारण भरत क्षेत्र के छह खण्ड हो जाते हैं। उत्तर और दक्षिण भरत क्षेत्र में प्रत्येक में तीन-तीन खण्ड हैं। इनमें से दक्षिण भरत के तीन खण्डों में मध्य का आर्यखण्ड …
अर्हन्त परमेष्ठी को जो पंचकल्याणक रूप सम्पदाओं को प्राप्ति होती है, उसे आर्हन्त्य क्रिया कहते हैं।