worship सम्यग्दर्शन सम्यग्ज्ञान, सम्यकचारित्र व सम्यक्तप इन चारों का यथायोग्य रीति से उद्योतन करना, उनमें परिणति करना, इनको दृढ़ता पूर्वक धारण करना, उसके मंद पड़ जाने पर पुनः पुनः जागृत करना, उनका आमरण पालन करना सो (निश्चय) आराधना कहलाती है। …
सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चारित्र और तप इन चारों का यथायोग्य रीति से उद्योतन करना, इन्हें दृढ़तापूर्वक धारण करना, इनके मंद पड़ जाने पर पुनः– पुनः जागृत करना और इनका जीवन भर पालन करना आराधना कहलाती है। दर्शन, ज्ञान, चारित्र और तप …