स्वरूपाभाव
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जो उस रूप न हो वह एक कैसे हो सकता है। स्वरूप पेशा से जो द्रव्य है, वह गुण नहीं है और जो गुण है, वह द्रव्य नहीं है, यह अतद्भाव है। सर्वथा अभाव अतद्भाव नहीं, ऐसा निद्रिष्ट किया गया है। अतद्भाव अनयत्व है।
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