स्नान
स्नान पाँच प्रकार का है- केवल पाँव धोना, घुटने तक धोना, कमर तक धोना, कण्ठ तक धोना और सिर तक धोना । जिनपूजा आदि करने के लिए गृहस्थ को नित्य स्नान करना चाहिए । जो ब्रह्मचारी है और जो खेती आदि आरम्भ से निवृत है उनको पाँचों में से इच्छानुसार स्नान करना चाहिए। गृहस्थों को कण्ठ तक व सिर तक दो ही स्नान करना चाहिए ।