स्नातक
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जिन्होंने चार घातिया कर्मों का नाश कर दिया है ऐसे दोनों प्रकार के केवली (सयोग व अयोग) को स्नातक कहते हैं चारों घातिया कर्म नष्ट होते ही यथाख्यात संयम की प्राप्ति होती है बीज के समान बन्धन का निर्मूल नाश होने से बन्धन रहित योगी स्नातक कहलाते हैं। ।
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