स्तेय
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बिना दी हुई वस्तु का लेना स्तेय है। आदान शब्द का अर्थ ग्रहण है। बिना दी हुई वस्तु का लेना अदत्तादान कहलाएगा और यह अदत्तादान ही स्तेय या चोरी कहलाता है। जहाँ जिन वस्तुओं का लेना और देना सम्भव है वहीं स्तेय का व्यवहार होता है ।
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