स्तिबुक संक्रमण
उच्छिष्टावलि प्रमाण संज्वलन क्रोध का द्रव्य मान उदयावलि निषेकों में संक्रमण करके अनन्तर समय में उदय में आते हैं यही स्तिबुक संक्रमण है। गति जाति आदि पिंड प्रकृतियों में से जिस किसी विवक्षित एक प्रकृति के उदय आने पर अनुदय प्राप्त शेष प्रकृतियों का उसी प्रकृति में संक्रमण होकर उदय आता है उसे स्तिबुक संक्रमण कहते हैं। जैसे- एकेन्द्रीय जीवों के उदय प्राप्त एकेन्द्रीय जाति नामकर्म अनुदय प्राप्त द्वीन्द्रीय जाति का संक्रमण होकर उदय में आना ।