व्यापकानुपलब्धि
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जो जिसके साथ नियम से उपलब्ध होता है, वह नियम से भिन्न नहीं होता है । जैसे- यथार्थ चन्द्रमा, भ्रान्त चन्द्रमा के साथ उपलब्ध होता है। भ्रान्त चन्द्रमा यथार्थ चन्द्रमा से भिन्न नहीं है। इस व्यापकानुपलब्धि अनुमान से ज्ञान और पदार्थ का अभेद सिद्ध होता है।
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