व्यवहारलम्बी साधु
- Home
- व्यवहारलम्बी साधु
Kund Kund is proudly powered by WordPress
जो सातों तत्त्वों का भेद रूप से श्रद्धान करता है तथा वैसे ही भेद रूप से उसे जानता है तथा वैसे ही भेद रूप से उसे उपेक्षित करता है अर्थात् विकल्पात्मक भेद रत्नत्रय की साधना करता है, मुनि व्यवहारावलम्बी है।
antarang tap
Kund Kund is proudly powered by WordPress
Not a member yet? Register now
Are you a member? Login now