व्यवहार नय
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संग्रह-नय के द्वारा ग्रहण किये गये पदार्थों का विधिपूर्वक भेद करना व्यवहार – नय है। जैसे- संग्रह-नय के विषयभूत द्रव्य में जीव व अजीव द्रव्य ऐसे दो भेद करना । उसमें भी देव, मनुष्य आदि जीव के भेदों का आश्रय लेकर व्यवहार करना। यह दो प्रकार का है- सद्भूत – व्यवहार-नय और असद्भूत – व्यवहार-नय ।
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