वैराग्य
- Home
- वैराग्य
संसार, शरीर और भोगों के प्रति जो विरक्ति का भाव है सो वैराग्य है। संवेग और वैराग्य के लिए जगत् के स्वभाव और शरीर के स्वभाव का चिन्तवन करना चाहिए। अथवा अनित्य अशरण आदि बारह भावनाओं का चिन्तवन भी वैराग्य उत्पन्न करने में कारण है।
antarang tap
Not a member yet? Register now
Are you a member? Login now