वेदना सन्निकर्ष
जो वेदना सन्निकर्ष है, वह दो प्रकार की है- स्वस्थान वेदना सन्निकर्ष तथा परस्थान सन्निकर्ष । किसी विवक्षित एक कर्म का जो द्रव्य, क्षेत्र, काल विषयक सन्निकर्ष होता है, वह स्वस्थान वेदना सन्निकर्ष कहा जाता है। और आठों कर्मों विषयक सन्निकर्ष परस्थान वेदना सन्निकर्ष कहलाता है। जघन्य और उत्कृष्ट भेद रूप द्रव्य, क्षेत्र, काल और भावों में से किसी एक को विवक्षित करके उसमें शेष पद क्या उत्कृष्ट है क्या अनुत्कृष्ट है, क्या जघन्य है क्या अजघन्य है, इस प्रकार की जो परीक्षा की जाती है, वह सन्निकर्ष सामान्य है।