विष्कम्भ सूची
सूच्यांगुल का आश्रय लेकर विष्कम्भ सूची होती है। वह सूच्यांगुल का प्रथम वर्गमूल किस रूप है ऐसा पूछने आचार्य कहते हैं कि सूच्यांगुल के द्वितीय वर्गमूल के गुणाकर से उपलक्षित है, अर्थात् सूच्यांगुल के प्रथम वर्गमूल को उसी के द्वितीय वर्गमूल से गुणाकर देने पर सामान्य कारक मिथ्यादृष्टियों की विष्कम्भ सूची होती है।