वर्गणा
वर्गों के समूह को वर्गणा कहते हैं अथवा समान गुण वाले परमाणु पिण्ड को वर्गणा कहते हैं। पाँच शरीरों के जो ग्रहण योग्य है वह ग्रहण प्रायोग्य या ग्राह्य वर्गणा कहलाता है परन्तु जो उनके ग्रहण योग्य नहीं है वह अग्रहण प्रायोग्य अग्राह्य वर्गणा कहलाती है। एक प्रदेशी, दो प्रदेशी, तीन प्रदेशी, संख्यात प्रदेशी, असंख्यात प्रदेशी और अनंत प्रदेशी वर्गणाएँ तो सर्वथा ग्रहण के अयोग्य है परन्तु अनंतानंत प्रदेशी वर्गणाओं में कुछ ग्रहण के योग्य है और कुछ ग्रहण के अयोग्य । तेईस वर्गणाओं में से आहारवर्गणा, तैजस वर्गणा, भाषा वर्गणा, मनोवर्गणा और कार्मण वर्गणा – ये पाँच वर्गणाएँ ही पाँच शरीरों के ग्रहण के योग्य हैं शेष ग्रहण के योग्य नहीं हैं। औदारिक वैक्रियिक और आहारादिक शरीरों के जिन द्रव्यों को ग्रहण कर औदारिक, वैक्रियिक और आहारक शरीर रूप से परिणमाकर जीव परिणमन करते हैं उन द्रव्यों को आहार द्रव्य वर्गणा कहते हैं इसी तरह तैजस शरीर के रूप में परिणमाने योग्य तैजस द्रव्य वर्गणाएँ, भाषा के रूप में परिणमाने योग्य भाषा द्रव्य वर्गणाएँ, मन रूप से परिणमाने योग्य मनोद्रव्य वर्गणाएँ और आठ कर्मों के रूप में परिणमाने योग्य कार्मण द्रव्य वर्गणाएँ हैं।