वचनातिचार
द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव से जो अतिचार हुए हों उनका अन्यथा कथन करना, उसको वचनातिचार कहते हैं। जैसे- सचित्त पदार्थ का सेवन करने पर अचित्त का सेवन किया, ऐसा करना अथवा अचित्त का सेवन करके सचित्त का सेवन किया। वसति में कोई कृत्य किया हो तो, मैंने यह कार्य रास्ते में किया ऐसा कहना । सुभिक्ष में किया हुआ कृत्य दुर्भिक्ष में किया ऐसा कहना । दिन में कोई कृत्य करने पर भी मैने रात में अमुक कार्य किया था, ऐसा बोलना। कषायभाव से किए गए कृत्य को तीव्र परिणाम से किया था, ऐसा बोलना ही द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव की अपेक्षा वचनातिचार है।