वक्तव्य
वस्तु कथंचित् वक्तव्य है, कथंचित अवक्तव्य है। वस्तु अवक्तव्य शब्द के द्वारा अन्य छः भंगों के द्वारा वक्तव्य होने से स्याद् अवक्तव्य है, सर्वथा नहीं । यदि सर्वथा अवक्तव्य हो जाए जो व्यक्तव्य शब्द के द्वारा भी उसका कथन नहीं हो सकता, जो यह कहते हैं कि सर्वथा अवक्तव्य रूप ही वस्तु स्वरूप है। उनका कथन स्ववचन विरोध है। जैसे मैं यहाँ मौन धारण करता हूँ।