भाव
1. द्रव्य के परिणाम को भाव कहते हैं गुण और पर्याय दोनों भाव रूप है । 2. चेतन के परिणाम को भाव कहते हैं। औपशमिक, क्षायिक, क्षायोपशमिक, औदयिक और पारिणामिक ये पाँच भाव जीव के हैं ये पाँचों भाव जीव के स्वतत्व है जीव के सिवाय अन्य द्रव्य में नहीं पाए जाते अर्थात् जीव के असाधारण धर्म(गुण) है औदयिक भाव बन्ध करने वाले हैं औपशमिक, क्षायिक और क्षायोपशमिक भाव मोक्ष के कारण है तथा परिणामिक भाव बन्ध और मोक्ष दोनों के कारण से रहित हैं।