भाव परमाणु
द्रव्य परमाणु से द्रव्य की सूक्ष्मता और भाव परमाणु से भाव की सूक्ष्मता कही गयी है । भाव शब्द से उसी आत्मद्रव्य का स्वसंवेदन परिणाम ग्रहण करना चाहिए। उसके भाव का परमाणु अर्थात् रागादि विकल्प रहित सूक्ष्म अवस्था क्योंकि वह इन्द्रिय और मन के विकल्पों का विषय नहीं है। भाव परमाणु के क्षेत्र की अपेक्षा एकप्रदेश है। व्यवहार काल का एक समय है और भाव की अपेक्षा एक अविभागी प्रतिच्छेद है।