भागाभाग
कुल द्रव्य में से विभाग करके कितना भाग किसके हिस्से में आता है, इसे भागाभाग कहते हैं। जैसे एक समय प्रवृत्त सर्व कर्म प्रदेशों का कुछ भाग ज्ञानावरणी को मिला, उसमें से भी चौथाई – 2 भाग मतिज्ञानावरणी को मिला। इसी प्रकार कर्मों की प्रकृति, स्थिति, अनुभाग और प्रदेश बंध है। उनके चारों प्रकार के सत्व में अथवा भुजगार अल्पतर बंधक जीवों आदि विषयों में यथायोग्य लागू करके विस्तृत प्ररूपणाएँ की गई हैं।