ब्रह्मचर्य महाव्रत
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मन वचन काय और कृतकारित अनुमोदना से जो मुनि स्त्री संसर्ग का त्याग करता है उसके रति ब्रह्मचर्य महाव्रत है। जो वृद्ध बाल और युवा स्त्री को देखकर उनको माता, पुत्री व बहिन के समान समझ कर स्त्री सम्बन्धी विचारों को छोड़ता है, वह तीनों लोकों में पूज्य ब्रह्मचर्य महाव्रत का धारी है।
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