ब्रह्मचर्य तप ऋद्धि
- Home
- ब्रह्मचर्य तप ऋद्धि
जिनका बह्म अर्थात् चारित्र शान्त है, वह अघोर गुण ब्रह्मचर्य कहलाते हैं, ऐसे मुनि शान्ती और पुष्टी के कारण होते हैं। इसलिए उनके तपश्चरण के माध्यम से ईति-भीति, युद्ध और दुर्भिक्षादि शान्त हो जाते है।
antarang tap
Not a member yet? Register now
Are you a member? Login now