बहुमान
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पवित्रता से हाथ जोड़कर, मन को एकाग्रता करके बड़े आदर से अध्ययन करना बहुमान विनय है अथवा अंग- पूर्वादि का सम्यक् अर्थ उच्चारण करता व पढ़ता – पढ़ाता हुआ जो अल्प कर्म निर्जरा के लिए अन्य आचार्यों का व शास्त्रों का अपमान नहीं करता है वही बहुमान गुण को पालता है |
antarang tap
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