प्रसंग
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वादी द्वारा व्यतिरेक दृष्टांत रूप उदाहरण के विधर्मापन करके ज्ञापक हेतु का कथन कर चुकने पर प्रतिवादी द्वारा साधर्म करके अथवा वादी द्वारा अन्वय दृष्टांत रूप उदाहरण के समान धर्मापन करके ज्ञापक हेतु का कथन करने पर पुनः प्रतिवादी द्वारा विधर्मापन करके प्रत्यवस्थान (उलाहना ) देना प्रसंग है।
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