प्रयोग बन्ध
पुरुष प्रयोग सापेक्ष प्रायोगिक बन्ध है। प्रायोगिक बन्ध दो प्रकार का है— कर्म और नोकर्म। नोकर्म बंध पाँच प्रकार का है— आलाप, अल्लीगुण, संश्लेष, शरीर और शरीरी। शरीर बंध पाँच प्रकार है- औदारिक, वैक्रियक, आहारक, तैजस और कार्मण । शरीरी बंध दो प्रकार हैसादि और अनादि । कर्म बन्ध ज्ञानावरण आदि रूप मूल और उत्तर प्रकृतियों की अपेक्षा अनेक भेद-प्रभेद रूप है। माता-पिता, पुत्र आदि का स्नेह सम्बन्ध नोकर्म बंध है। जीव और पुद्गल उभय बंध भी कर्म बंध कहलाता है।