प्रत्यख्यानावरणी भाषा
किसी ने गुरू का अपनी तरफ लक्ष्य न खींच करके मैंने इतने काल तक क्षीर आदि पदार्थों का त्याग किया है। ऐसे कथांतर को उद्देश्य करके वह करो, ऐसा गुरु ने कहा, प्रत्याख्यान की मर्यादा का काल पूर्ण नहीं हुआ तब तक वह एकान्त सत्य नहीं है। गुरु के वचनानुसार प्रवृत्त हुआ है। इस वास्ते असत्य भी नहीं है। यह प्रत्याख्यानावरणी भाषा है।