प्रतिनारायण
ये नारायण के शत्रु होते हैं और युद्ध में नारायण के हाथों मरण को प्राप्त कर नरक जाते हैं। एक अवसर्पिणी या उत्सर्पिणी काल में कुल नौ प्रतिनारायण होते हैं। अन्य शलाका पुरूषों की तरह इनका शरीर भी उत्तम संहनन व उत्तम संस्थान वाला होता है। अश्वग्रीव, तारक, मेरक (मधु), मधुकैटभ, निशुम्भ, बलि, प्रहरण, रावण, जरासंध ये नौ प्रतिनारायण हैं।